घर में रखे मसाले भी आपको औषधीय गुण से भरपूर मिलेंगे उन्ही भारतीय मसालों में है हींग
यह एक प्रकार का, वृक्ष से डली के रूप में प्राप्त गौंद जैसा पदार्थ है ..
हींग – भारतीय भोजन, अचार आदि का अभिन्न अंग है, हींग की महक बहुत तेज होती है,जो खाने में रुचि बढ़ाती है… खाने में यह थोड़ी तीखी, कड़वी होती है, आमतौर पर बाजार में मिलने वाली हींग में चावल का आटा मिला दिया जाता है, जिससे कि उसकी कड़वाहट को थोड़ा कम किया जा सके… हींग को छौंक लगाते समय, आमतौर पर गरम घी या तेल में भूना जाता है…
हींग केवल रसोई में काम आने वाला मसाला ही नहीं है बल्कि एक बेहतरीन औषधि भी है, हींग बहुत लाभकारी पाचन में सहयोगी है
शुद्ध हींग , पानी में घुलने पर सफेद हो जाती है … हींग में एंटी इन्फ्लेमेटरी , एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जिससे यह दर्द दूर करने एवं सूजन कम करने में सहायक है …
छोटे बच्चों को जब पेट में गैस की शिकायत होती है, तो हींग को पानी में घोलकर पेट पर बाहर नाभि पर रुई के फाहे से गीला कर लगाने से राहत मिलती है
छोटे बच्चे यदि मिट्टी खाते हो तो दही के साथ हींग मिलाकर खिलाने से बच्चे मिट्टी खाना छोड़ देते है ..
अपच , गैस ,पेट के कीड़े समाप्त करने में हींग बहुत ही विश्वसनीय औषधि है ..
ततैया, मधुमक्खी आदि के डंक के दर्द को दूर करने में एवं सूजन कम करने में भी हींग का प्रयोग तुरंत राहत देता है… दांत के दर्द, सिर दर्द होने पर भी इसको लगाने से राहत मिलती है …
हींग में खून को पतला करने वाले गुण होते हैं… इसलिए ये ब्लड प्रेशर एवं ह्रदय के मरीजों के लिए फायदेमंद होती है… रोजाना हींग के सेवन से नसों में ब्लड क्लॉटिंग (रक्त का थक्का जमने) की समस्या नहीं होती है …
शक्तिशाली हींग :एक हर्बल जादू : जानिये हींग के अन्य प्रयोग
दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएं। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे।
यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः निकल आएगा।
हींग में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है।
हींग का लेप बवासीर, तिल्ली व उदरशोथ में लाभप्रद है।
कब्जियत की शिकायत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फांक लें, सबेरे शौच साफ होगा।
पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो लाभ होगा।
पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोलकर एनिमा लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं।
जख्म यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
प्रतिदिन के भोजन में दाल, कढ़ी व कुछ सब्जियों में हींग का उपयोग करने से भोजन को पचाने में सहायक होती है।
भोजन में हींग के नियमित सेवन से महिलाओं के गर्भाशय का संकुचन होता है और मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती है।
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