छत्तीसगढ़रोजगार

सुराजी गांव योजना-छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत

सुराजी गांव योजना-छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत

खोखरा आदर्श गौठान में खाद उत्पादन, सब्जी-भाजी, कुक्कुट, बटेर पालन में संलग्न महिलाओं को मिल रहा लाभ

सक्ती से संवाददाता कन्हैया गोयल की खबर

सक्ती-मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार के फैसलों ने प्रदेशवासियों में नई आशा और उत्साह भर दिया है। किसानों, आदिवासियों, गरीबों मजदूरों सहित सभी वर्गों के हित में उठाए जा रहे कदमों से जहां छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। पुरखों के सपनों के अनुरूप समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ गढ़ने का सपना साकार हो रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने सबसे पहले किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 25 सौ रूपए धान की कीमत देने, कर्जमाफी और सिंचाई कर की माफी का वादा निभाया, इसके चलते खेती से विमुख हो रहे लोगों ने फिर से खेती की ओर रूख किया। ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा और बारी के संवर्धन के लिए भी योजना बनायी गयी है,जांजगीर-चांपा जिले के विकासखण्ड नवागढ़ के आदर्श गौठान खोखरा में गांव की महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्य गौठान को अपने आर्थिक स्वालंबन के लिए व्यवसायिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित कर रहीं हैं। ग्राम पंचायत खोखरा के सरपंच श्री राधे थवाईत ने बताया कि सागर स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया है। जिसे उद्यान विभाग की नर्सरी के लिए और किसानों द्वारा खरीदा गया है। रासानिक खाद की तुलना में वर्मी कंपोस्ट खाद ज्यादा लाभ दायक है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहती है। गांव में ही वर्मी खाद उपलब्ध होने से जैविक खेती को प्रोत्साहन मिला है। गौठान से लगे 25 डिसमिल चारागाह की भूमि में मवेशियों के लिए चारा भी लगाया गया है। गांव की पुरानी परंपरा के अनुसार ग्रामीणों की आम सहमति से खरीफ फसल की सुरक्षा के लिए मवेशियों को गौठान में संरक्षित करने के लिए रोका-छेका का निर्णय लिया गया है। श्री थवाईत ने बताया कि श्री वैष्णो देवी स्व-सहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन और अन्य समूहों द्वारा मशरूम उत्पादन और बटेर पालन किया जा रहा है। इसके अलावा कुक्कुट पालन भी प्रारंभ किया गया है। शासन की योजना के तहत गौठान में वर्मी टैंक, पांच समर्सिबल सोलर पंप, दो शेड, सुरक्षित अहाता आदि भी बनाया गया है। गौठान परिसर में पीपल, बरगद और फलदार पौधे भी लगाए गए है, जिनके लिए खाद, पानी और सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था की गयी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button