कंधार/नई दिल्ली। अफगानिस्तान के कंधार में तालिबानियों और अफगान सैनिकों के बीच जारी खूनी संघर्ष को कवर करने के दौरान भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या हो गई है। दानिश की हत्या के पीछे तालिबानियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही थी। इसी बीच तालिबान ने इससे साफ इनकार कर दिया है। सिद्दीकी की हत्या के मामले में प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, `हमें नहीं पता कि पत्रकार किसके फायरिंग के दौरान मारा गया था। हम नहीं जानते कि उसकी मौत कैसे हुई।`
सिद्दीकी की हत्या पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को अफगानिस्तान दुख व्यक्त किया है। इसके साथ ही युद्धग्रस्त देश में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने उनकी हत्या के साथ-साथ अन्य पत्रकारों की भी जांच की मांग भी की है।
सूत्रों के अनुसार मुजाहिद ने कहा, `युद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी भी पत्रकार को हमें सूचित करना चाहिए। हम उस व्यक्ति विशेष की उचित देखभाल करेंगे।` सिद्दीकी की मौत पर खेद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत के लिए खेद है। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें खेद है कि पत्रकार हमें सूचित किए बिना युद्ध क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। दानिश का शव रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICRC) को सौंप दिया गया है। उनके शव को अब भारत लाने की तैयारी की जा रही है।
दानिश की मौत पर दुःख जताते गए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि दानिश अपने पीछे असाधारण काम अंजाम देकर गए हैं। उन्होंने दानिश की एक तस्वीर भी साझा की।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने उनकी मौत को सदमा बताते हुए कहा कि सच्ची पत्रकारिता के लिए साहस की जरूरत होती है, दानिश का काम इसे साबित करता है। इसे व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।
अफगानिस्तान में अमेरिकी उपराजदूत रोज विल्सन ने दानिश की हत्या की खबर को दुखद और दिल दुखाने वाली त्रासदी बताया। साथ ही पूर्ण युद्धबंदी की मांग भी की है।
बता दें कि पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी के लिए काम करते थे। अफगानिस्तान के समाचार चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया है, सिद्दीकी की मौत स्पिन बोल्डक इलाके में हुई है, जो कंधार प्रांत में स्थित है। यहां इस समय भीषण हिंसा हो रही है। सिद्दिकी बीते कुछ दिनों से कंधार में जारी हालात की कवरेज कर रहे थे।