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*पेगासस जासुसी से राहुल गांधी की जान को खतरा,केन्द्र सरकार एसपीजी सुरक्षा तत्काल बहाल करे – विकास उपाध्याय*

*पेगासस जासुसी से राहुल गांधी की जान को खतरा,केन्द्र सरकार एसपीजी सुरक्षा तत्काल बहाल करे – विकास उपाध्याय*

रायपुर। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने पेगासस जासुसी मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस नाम के जिस स्पाईवेयर से राहुल गांधी एवं अन्य उनके करीबी 05 लोगों के फोन हैक किए जा रहे हैं, उससे राहुल गांधी को जान का खतरा है। विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार से कहा है कि वह इस संवेदनशील मामले में राहुल गांधी की सुरक्षा कड़ी करते हुए एसपीजी सुरक्षा की बहाली करे। विकास उपाध्याय ने इस जासुसी मामले में जिस तरह से कई महत्वपूर्ण लोगों के फोन हैक किए गए हैं, इसे लेकर इस बात की भी जाँच होनी चाहिए कि भारत सरकार ने यह साॅफ्टवेयर गुप्त रखकर स्वयं खरीदा तो नहीं है। इसलिए कि एनएसओ का कहना है कि इसे सिर्फ सरकारी एजेंसियों को ही बेचा जाता है।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय पेगासस जासुसी मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित उनके करीबी 05 लोगों का फोन हैक कर जासुसी किए जाने को उनके जान का खतरा बताया है। उन्होंने कहा इसराईल में निर्मित इस साॅफ्टवेयर के जरिये जिस तरह से राहुल गांधी के फोन हैक किए गए हैं और उन पर निगरानी रखी जा रही है, उनके सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल है और ऐसे समय में जब केन्द्र की मोदी सरकार ने गांधी परिवार को मिलने वाली एसपीजी सुरक्षा को बहुत पहले ही हटा दिया है। उन्होंने इस जासुसी को भारत में सबसे बड़ा खतरा बताया है, जिसके जरिये किसी व्यक्ति का फोन हैक करके उनके गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। विकास उपाध्याय ने आरोप लगाया कि इस जासुसी के जरिये राहुल गांधी समेत उनके 05 सहयोगियों के फोन में साॅफ्टवेयर को इंस्टाॅल किया गया है, जिसके जरिये फोन का रिमोट कन्ट्रोल अपने अधीन कर एक्सेस ट्रोजन की तरह उपयोग किया जा रहा है।

विकास उपाध्याय ने आगे कहा, इस साॅफ्टवेयर को बनाने वाली कम्पनी एलएसओ का कहना है कि इसे सिर्फ सरकारें या सरकारी एजेंसियाँ ही खरीद सकती हैं, जिसमें 51 प्रतिशत सरकारी खुफिया एजेंसी, 38 प्रतिशत कानून लागू करने वाली एजेंसी और 11 प्रतिशत सेनाओं को देने का नियम है। उन्होंने कहा कि कम्पनी तो यह दावा करती है कि इसे आतंकवादियों पर नजर रखने और आतंकवादी घटनाओं को रोकने के मकसद से विकसित किया गया है। परन्तु जिस तरह से विपक्षी राजनेताओं व पत्रकारों के जासुसी के लिए इसे उपयोग किया जा रहा है, निश्चित तौर पर मोदी सरकार की किसी खतरनाक मनसूबे को इंगित करता है। चूंकि इस साॅफ्टवेयर को खरीदी के लिए गुप्त समझौते के तहत एक्सपोर्ट किया जाता है, ऐसे में यह जाँच का विषय है। भारत सरकार ने क्या इस साॅफ्टवेयर को गुप्त तरीके से खरीदा है! विकास उपाध्याय ने कहा, इस साॅफ्टवेयर को खरीदना ऐसे है जैसे कोई सैन्य विमान खरीदना। जिसके इस्तेमाल की शर्तें तो होती हैं, लेकिन एक बार बिकने के बाद विक्रेता ये कन्ट्रोल नहीं कर सकता कि इसका इस्तेमाल कैसे होता है।

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