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पोस्ट कोविड मैनेजमेंट :- डिप्टी कलेक्टर डॉ. सुमीत गर्ग

पोस्ट कोविड मैनेजमेंट :- डिप्टी कलेक्टर डॉ. सुमीत गर्ग

सक्ती से संवाददाता कन्हैया गोयल की खबर

सक्ती-वर्तमान में संपूर्ण विश्व के साथ-साथ भारत भी कोरोना महामारी नामक जटिल समस्या से जूझ रहा है, तथा इससे निजात पाने हेतु वैक्सिनेशन अभियान चलाकर वैक्सीन कार्यक्रम वृदह पैमाने मे व्यापक रूप से सम्पूर्ण भारत में संचालित किया जा रहा है,जैसे कि विदित है कोरोना वायरस फेफड़े से संबंधित रोग है जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र पर प्रहार कर प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर अनेक शारीरिक समस्याए उत्पन्न कर देता है इसका मुख्य लक्षण :- सरदर्द, तेज बुखार, बदन दर्द, तीव्र जुकाम, डीहाइड्रैशन, शीघ्र थकान , घबराहट पैसिक डिसऑर्डर इत्यादि तथा इससे शारीरिक के साथ साथ मानसिक समस्याए भी उत्पन्न हुई है,कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों के केस के गंभीरता को देखते हुए पृथक रूप से होम आईसलोसन, कोविड केयर सेंटर में भर्ती करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है जिससे कोरोना से पीड़ित रोगी में कई दिनों से सामाज, सहयोगी गणो एवं परिवारजनों से पृथक रहने से अनेक प्रकार की मानसिक समस्याए उत्पन्न हो जाती है जैसे कि अनिद्रा, तनाव, घबराहट, उच्च रक्तचाप एवं पैनिक डिसऑर्डर इत्यादि से दो चार होना पड़ता है,कोरोना वायरस के विकसित वैरिएंट डेल्टा व डेल्टा प्लस इससे भी भयावहक है जिसमे ब्लैक एवं यलो फंगस मुख्य बीमारी है,ज्ञातव्य है कि भारत जैसे विकासशील देशों में मानसिक समस्याओ की प्रायः उपेक्षा होती है भारतीय समाज में इसके साथ एक प्रकार का सोशल स्टीगमा सन्निहीत है जिसके परिणामस्वरूप पीड़ित व्यक्ति स्वयं ईलाज कराने मे असक्षम महसूस करते है तथा रोगमुक्त होने के बजाय स्वंय के लिए एवं अपने परिवार जनों के लिए समस्याए उत्पन्न करने लगते है,प्रायः देखने मे आया कि कोरोना से ठीक हुए लोगो मे कुछ महीनो तक शारीरिक समस्याए बनी रहती है इन शारीरिक समस्याए के निजात हेतु विभिन्न कारगर उपाय जैसे कि भाप लेना, दैनिक योग क्रियाएँ एवं व्यायाम, हैल्दी फुड्स एवं आवश्यकता होने पर घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे से शारीरिक समस्याए धीरे धीरे पूर्ण रूप से ठीक हो जाती है परन्तु मानसिक समस्याए जस के तस बना रहती है अतः इस दौरान उत्पन्न हुईं मानसिक समस्याए से निजात पाने हेतु अपनी दिनचर्या मे व्यायाम, प्रणायाम, योगासन अपनाए इसमें मुख्य है अनुलोम-विलोम, उज्जयिनी प्रणायाम ,डीप ब्रीदिंग एवं सुदर्शन क्रिया को दिनचर्या मे प्रमुख रूप से शामिल करें। कहा जाता है एक स्वस्थ शरीर मे ही स्वच्छ मन का वास होता है अतः अपने भोजन मे आहार को संतुलित करने का प्रयास करें एवं जल को सार्वत्रिक विलायक माना जाता है अतः जल का सेवन अधिकाधिक करें,मानसिक समस्याए जैसे अनिद्रा के उपचार हेतु जल्दी सोने एवं प्रातः काल जल्दी उठने की आदत डाल नित्य योगनिद्रा करे एवं म्यूजिक थैरेपी भी प्रभावी व कारगार उपाय है,कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए सोशल बने रहे चुंकि मनुष्य एक समाजिक प्राणी है अतः मनुष्य अधिक समय तक समाज से पृथक नही रह सकता है इसलिए मनुष्य समाजिक रूप से बने रहने हेतु प्रयासरत रहे परन्तु इसका तात्पर्य यह नहीं कि मनुष्य को कोविड प्रोटोकॉल की अनदेखी कर उल्लंघन करें क्योंकि ‘जान है सो जहान,लेखक डॉ. सुमित गर्ग डिप्टी कलेक्टर पदस्थ जिला जॉजगीर-चाम्पा में पदस्थ है

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