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पुरानी सोच ने ली एक नाबालिग लड़की की जान: सगे दादा ने मरवा दिया अपनी ही पोती को, पोती का जींस पहनना दादा को पसंद नही आया तो हुआ आग बबूला, पोती की करवा दी हत्या

पुरानी सोच ने ली एक नाबालिग लड़की की जान: सगे दादा ने मरवा दिया अपनी ही पोती को, पोती का जींस पहनना दादा को पसंद नही आया तो हुआ आग बबूला, पोती की करवा दी हत्या

देवरिया. एक किशोरी को जींस पहनने की कीमत मौत से चुकानी पड़ी. पुरानी सोच के दादा ने पोती को जींस न पहनने को कहा, लेकिन किशोरी नहीं मानी. इतने में वह शख्स गुस्से से आग बबूला होकर मारने का हुक्म दे दिया और उनके बेटों ने पीट-पीटकर अपनी ही बच्ची को मौत के घाट उतार दिया.

देवरिया जिले में जीन्स पहनने पर एक 17 साल की बच्ची के दादा ने उससे जींस बदलने को कहा लेकिन बच्ची नहीं मानी. नाराज दादा ने अपने बेटों से हत्या करवा कर नदी में लाश फेंक दिया. लेकिन उसकी लाश नदी में ना गिरकर लोहे के पुल के एक एंगिल में फंसकर लटक गई. सुबह राहगीरों ने लाश देखकर पुलिस को खबर दी. जिस मां की आंखों के सामने उसकी बेटी को पीट-पीटकर मार डाला गया उसकी हालत खराब है. शाम को करीब साढ़े सात बजे बच्ची ने नहाकर जींस पहना तो उसे देख दादा बिगड़ गए. उन्होंने उसे फौरन कपड़े बदलने का हुक्म दिया. बच्ची ने कहा कि उसे जींस पहनना अच्छा लगता है. दादा को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और बेटों से कहा कि इसे मार डालो.

लड़की की मां शकुंतला ने कहा कि ”उन्होंने लाठी-डंडा, जैसे चाहा वैसे मारा. बहिनी हमारी मर गई. टेंपो बुलाकर फोन से, बहिनी को हमारी लादा, तो हमने कहा कि हमारी बेटी मर गई. कहने लगे कि थोड़ी चोट लगी है, दवा कराने ले जा रहे हैं. दवा कराने के बहाने हमारी बेटी को पटनवा पुल से फेंक दिया.” शकुंतला जब अपनी बच्ची के साथ जाने के लिए ऑटो में बैठने लगी तो उन्होंने उसे धकेलकर बाहर गिरा दिया. उसकी रिश्ते की बहन शशिकला ने कहा कि ”जब ऑटो में मेरी बुआ बैठने गईं तो धक्का देकर सबने नीचे गिरा दिया. उसके बाद उसको लेकर चले गए. रात को पूछा कि कहां है मेरी बेटी? तो कहने लगे कि बॉटल चढ़ रही है. सही है, वह अच्छी है. सुबह ले चलेंगे तुमको मिलवाने. बाकी फिर उसके बाद रातोंरात सारा समान लेकर सारे लोग गायब हो गए.”

शशिकला ने कहा कि ”अब तो गांव में भी चलन हो गया, सभी पहनते हैं, हर जगह. यह तो पढ़ने वाली थी, बाहर आने-जाने वाली. और वह तो यहां रहती भी नहीं थी, हम लोग के घर ही रहती थी. हम लोगों के साथ की दीदी भी पढ़ रही हैं, लिख रही हैं, हम भी करेंगे. आप लोगों की तरह ही बनेंगे. बस इन लोगों का कहना था कि हमें यहां नहीं रहना है, इस समाज में. इस समाज से बाहर निकलना है.” बच्ची के पिता लुधियाना में काम करते हैं. बच्ची की मौत की खबर सुनकर आ गए हैं. पुलिस ने एफआईआर में बच्ची के घर के 10 लोगों को नामजद किया है. उनकी गिरफ्तारी की कोशिश हो रही है।

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