चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में जारी कलह के अंत के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी हो गई है। नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। मंच पर जैसे ही उनकी ताजपोशी का ऐलान हुआ, नवजोत सिंह क्रिकेटर की बल्ला घुमाते नजर आए। राज्य कांग्रेस मुख्यालय में कार्यभार संभालने के बाद क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने कहा कि पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता और इसकी राज्य इकाई के प्रमुख के बीच कोई अंतर नहीं है।
अमृतसर (पूर्व) के विधायक सिद्धू ने कहा कि एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता और राज्य इकाई के प्रमुख के बीच कोई अंतर नहीं है। पंजाब में कांग्रेस का हर कार्यकर्ता आज से पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख बन गया है।
सिद्धू ने कहा, ‘आज मैं सारे पंजाब के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रधान बन गया। आज मसला किसानों का है, मसला टीचर्स का है, मसला डॉक्टर्स का है. मसला इन सभी लोगों का है। जबतक इनका मसला हल नहीं हो जाता, जब तक ये औहदा बेकार है. मेरे पिता स्वातंत्रता सेनानी थे. मैं उनके खून का वारिस हूं. मुझे अपने पिता के दर्द का अहसास है. आज लोगों के हक की लड़ाई लड़नी है.’
बता दें, सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच पिछले कुछ समय से टकराव की खबरें आ रही थी. पिछले करीब चार महीनों में पहली बार सिद्धू और सिंह ने आज एक-दूसरे से मुलाकात की. अमृतसर (पूर्व) के विधायक सिद्धू ने पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के मामले के लिए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा था. मुख्यमंत्री ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का भी विरोध किया था और कहा था कि जब तक सिद्धू उनके खिलाफ अपमानजनक ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगेंगे वह उनसे नहीं मिलेंगे।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंच से सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के समारोह में सुनील जाखड़ की तारीफों के पुल बांधे। कैप्टन ने कहा कि जाखड़ ने पंजाब कांग्रेस के बहुत कुछ किया है। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सिद्धू के जन्म के समय मेरा सेना में कमीशन हुआ था। सिद्धू के पिता पटियाला कांग्रेस के प्रधान रहे और वही मुझे राजनीति में लेकर आए थे। सोनिया जी ने मुझसे कहा कि अब नवजोत पंजाब के अध्यक्ष होंगे और आप दोनों को मिलकर काम करना होगा तो मैंने कह दिया था कि आपका जो भी फैसला होगा, वो हमें मंजूर होगा।